Skip to main content

Featured

गायत्री मंत्र जप में बरतें सावधानी: सही क्या, गलत क्या?

गायत्री मंत्र के नियम – वेदों के अनुसार गायत्री मंत्र को वेदों में सबसे पवित्र और शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना गया है। यह ऋग्वेद (3.62.10) में उल्लिखित है और इसे जपने से आत्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। हालांकि, इसके जप के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है, जिन्हें वेद, स्मृतियों (जैसे मनुस्मृति), और संध्या उपासना विधि में बताया गया है। आइए जानते हैं गायत्री मंत्र जप के महत्वपूर्ण नियम। 1. पात्रता (अधिकार) 🔹 परंपरागत रूप से, केवल वे लोग जिन्हें उपनयन संस्कार प्राप्त हुआ हो, वे ही इस मंत्र का जप कर सकते हैं। 🔹 आधुनिक समय में, कई संतों और गुरुओं ने इसे सभी के लिए स्वीकार्य माना है, बशर्ते वे उचित श्रद्धा और नियमों का पालन करें। 🔹 यदि कोई इस मंत्र का जप करना चाहता है, तो उसे शुद्धता और एकाग्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 2. जप का सही समय गायत्री मंत्र का जप करने के लिए तीन समय सबसे उत्तम माने जाते हैं: 🕕 प्रातःकाल – सूर्योदय से पहले (ब्रह्म मुहूर्त में जप श्रेष्ठ होता है)। 🕛 मध्यान्ह – दोपहर के समय। 🌇 सायंकाल – सूर्यास्त के समय। इन त...

June 2021 Vrat And Festival List: जून माह में आएंगे ये प्रमुख व्रत त्योहार, देखें लिस्ट


 जून के महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आएंगे। व्रत-त्योहार के अलावा इस महीने सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। आइए जानते हैं जून माह में कौन-कौनसे प्रमुख व्रत और त्योहार आएंगे। 

02 जून: कालाष्टमी

कालाष्टमी पर्व 2 जून को है। इस दिन भैरव बाबा के लिए कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह व्रत रखा जाता है।



06 जून: अपरा एकादशी

अपरा एकादशी 6 जून को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी अथवा अचला एकादशी के नाम से जाना जाता है। सनातन मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।


07 जून: सोम प्रदोष व्रत

सोम प्रदोष व्रत 07 जून को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।


08 जून: मासिक शिवरात्रि

ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि 8 जून को पड़ेगी। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का तो महत्व माना ही जाता है लेकिन हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि भी बहुत महत्व रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।


10 जून: सूर्यग्रहण 

10 जून ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।


10 जून: वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत 10 जून रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट सावित्री व्रत हिंदू विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।


 10 जून: शनि जयंती

शनि जयंती पर्व 10 जून को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रति वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है।


14 जून: विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी 14 जून को है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जातकों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


19 जून: महेश नवमी

महेश नवमी 19 जून को है। प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी पर्व मनाया जाता है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के वरदान स्वरूप मानी गई है जिसका उत्पत्ति दिवस ज्येष्ठ शुक्ल नवमी है।


20 जून: गंगा दशहरा

गंगा दशहरा पर्व 20 जून को है। गंगा दशहरा का पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।


21 जून: निर्जला एकादशी

निर्जला व्रत 21 जून को रखा जाएगा। ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी और भीमसेनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है इसलिए इस एकादशी को निर्जला कहते है।


21 जून: गायत्री जयंती 

गायंत्री का पर्व 21 जून को है। यह पर्व मां गायत्री का जन्मोत्सव है। मां गायत्री को वेद माता भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार गायत्री जयंती का पर्व प्रति वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।


22 जून: भौम प्रदोष

भौम प्रदोष व्रत 22 जून को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।


24 जून: ज्येष्ठ पूर्णिमा

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 24 जून को पड़ रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान और दान-धर्म करने का विधान है। इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


24 जून: कबीरदास जयंती

कबीरदास जयंती 24 जून को मनाई जाएगी। प्रति वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन उनकी जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि संवत 1455 की इस पूर्णिमा को उनका जन्म हुआ था।


Join Us On Telegram



Comments

Subscribe to Our Channel!

Get the latest Vastu tips and updates.

Popular Posts