पश्चिमी उत्तर प्रदेश का श्रीनव दुर्गा शक्ति मंदिर प्रदेश ही नहीं देश भर में विख्यात है। दूर-दराज से यहां आकर श्रद्धालु मैया के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि खुर्जा वाली मैया भक्तों की मन की मुरादें पूरी करती हैं। मंदिर में विराजित मैया की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1995 में हुई थी। अलीगढ़ चुंगी के निकट श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में अष्टधातु की चार टन वजन की 27 खंडों में शक्ति स्वरूपा की मूर्ति है, जिसमें मां के नौ रूप समाहित है। मंदिर परिसर करीब दो हजार वर्ग गज में बना है। दुर्गा माता की अद्वितीय स्वरूप को देखने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई स्थानों से आते हैं। मंदिर में रखी मूर्ति अट्ठारह भुजी है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 13 फरवरी 1995 को दिल्ली के विख्यात विद्वान श्रीराम शर्मा के निर्देशन में हुई थी। इस दौरान कलश यात्रा में 2100 महिलाएं शामिल हुई थीं। 14 फुट ऊंची है मैया की मूर्ति खुर्जा के श्रीनव दुर्गा शक्ति मंदिर में विराजित मैया की मूर्ति 14 फुट ऊंची और 11 फुट चौड़ी है। इसको लखनऊ के ऐश बाग के मूर्तिकार सुनील प्रजापति के साथ लखनऊ, दिल्ली, बनारस, कोलकाता, अलीगढ़ और मथुरा के करीब 150 से अधिक कलाकारों ने बनाकर तैयार किया। इसे बनाने के लिए एक वर्ष का समय लगा था। इस मूर्ती में मैया कमल के आसन पर विराजमान हैं। खुर्जा वाली मैया के नाम से इसलिए हुईं विख्यात मंदिर के आजीवन सचिव डा. मोहन लाल बताते है कि मंदिर निर्माण के दौरान पधारे काशी सुमेरू पीठ के तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी कपिलेश्वर सरस्वती महाराज ने मंदिर में घोषणा की थी।

 


पश्चिमी उत्तर प्रदेश का श्रीनव दुर्गा शक्ति मंदिर प्रदेश ही नहीं देश भर में विख्यात है। दूर-दराज से यहां आकर श्रद्धालु मैया के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि खुर्जा वाली मैया भक्तों की मन की मुरादें पूरी करती हैं। मंदिर में विराजित मैया की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1995 में हुई थी। 


अलीगढ़ चुंगी के निकट श्रीनवदुर्गा शक्ति मंदिर में अष्टधातु की चार टन वजन की 27 खंडों में शक्ति स्वरूपा की मूर्ति है, जिसमें मां के नौ रूप समाहित है। मंदिर परिसर करीब दो हजार वर्ग गज में बना है। दुर्गा माता की अद्वितीय स्वरूप को देखने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई स्थानों से आते हैं। मंदिर में रखी मूर्ति अट्ठारह भुजी है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 13 फरवरी 1995 को दिल्ली के विख्यात विद्वान श्रीराम शर्मा के निर्देशन में हुई थी। इस दौरान कलश यात्रा में 2100 महिलाएं शामिल हुई थीं।


14 फुट ऊंची है मैया की मूर्ति 

खुर्जा के श्रीनव दुर्गा शक्ति मंदिर में विराजित मैया की मूर्ति 14 फुट ऊंची और 11 फुट चौड़ी है। इसको लखनऊ के ऐश बाग के मूर्तिकार सुनील प्रजापति के साथ लखनऊ, दिल्ली, बनारस, कोलकाता, अलीगढ़ और मथुरा के करीब 150 से अधिक कलाकारों ने बनाकर तैयार किया। इसे बनाने के लिए एक वर्ष का समय लगा था। इस मूर्ती में मैया कमल के आसन पर विराजमान हैं। 


खुर्जा वाली मैया के नाम से इसलिए हुईं विख्यात 

मंदिर के आजीवन सचिव डा. मोहन लाल बताते है कि मंदिर निर्माण के दौरान पधारे काशी सुमेरू पीठ के तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी कपिलेश्वर सरस्वती महाराज ने मंदिर में घोषणा की थी।

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