तुलसी पर दीया जलाने के नियम

 

Tulsi Plant


रोज शाम को तुलसी पर दीया जलाने से न केवल धनलाभ होता है बल्कि घर में सुख और समृद्धि का भी वास होता है। लेकिन शास्त्रों में दीया जलाने के कुछ नियम भी बताए गए हैं।

 हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया जाता है। तुलसी को मां के समान माना गया है और प्रत्येक शुभ कामों में तुलसी का प्रयोग भी किया जाता है। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की भी पूजा अधूरी है। माना जाता है कि जिस घर में तुलसी की पूजा की जाती है। उस घर में कभी भी दरिद्रता नहीं आती। रोज शाम को तुलसी में दीपक जलाने से न केवल धनलाभ होता है। बल्कि घर में सुख और समृद्धि का भी वास होता है। लेकिन शास्त्रों में दीपक जलाने के कुछ नियम भी बताए गए हैं अगर आप उन नियमों के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं तुलसी में दीया जलाने के नियमों के बारे में...

तुलसी का पौधा अगर आपके घर में लगा हो तो यह आपके एवं परिवार के लिए बहुत ही लाभकारी रहता है। तुलसी के पौधे में देवी लक्ष्मी का निवास माना जाता है और नियमित रूप से तुलसी के पौधे का पूजन करने से ज़रूर लाभ मिलता है। रोज़ाना शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाने से घर की दरिद्रता का नाश होता है। भगवान विष्णु को भोग अर्पण करते वक्त बिना तुलसी दल रखें वे भी भोग स्वीकार नहीं करते हैं।

तुलसी का पौधा घर में मौजूद दरिद्रता और नकारात्मक दोष को समाप्त करता है और साथ ही घर में लक्ष्मी जी का वास होता है।

शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाते समय ध्यान रखें कि दीपक के नीचे आसन रखकर अर्पण करें।

माना जाता है कि बगैर आसन लगाए दीपक जलाने से वह लक्ष्मी जी ग्रहण नहीं करती हैं तो ऐसे में आपको उनकी कृपा प्राप्त नहीं होती है।

इसके लिए आप चावलों का आसन बनाकर उसपर दीपक जला सकते हैं इससे घर में लक्ष्मी का स्थिर तौर पर निवास होता है।

शास्त्रों में इसके बारे में बताया गया है कि तुलसी के पौधे के नीचे चावल का आसन बिछा कर घी का दीपक जलाने वाले व्यक्ति को ज़रूर धन लाभ होता है।

दीपक के नीचे चावलों का आसन बिछाने से आपके घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता है और शुभ फल प्राप्त होता है।

शास्त्रों में माना गया है कि चावल एक प्रकार से शुद्धता के प्रतीक होते हैं और प्रत्येक मांगलिक कार्य में इनका इस्तेमाल किया जाता है।

भगवान विष्णु को भोग अर्पण करते समय उसमें तुलसी के पत्ते डालकर भोग लगाने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है इसलिए इस उपाय को भी कर सकते हैं

नियमित रूप से तुलसी के पौधे में जल चढ़ाने से आपको इसका लाभ मिलेगा। आप जल में चीनी डालकर भी तुलसी जी को अर्पण कर सकते हैं।

रविवार के दिन तुलसी पूजन नहीं किया जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे में ना तो जल चढ़ाएं, ना ही दीपक जलाएं और ना ही तुलसी के पत्तों को तोड़ें ऐसा करना अशुभ माना गया है।

Comments

  1. Mangalwaar ko tulsi pujan ya diya jalana kate ya nahi?

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