कैसे होता है शरीर खराब, क्या है इसके शुभ और अशुभ फल और क्या करें उपाय!

कैसे होता शनि खराब :-

* घर की वायव्य दिशा के खराब होने से शनि भी खराब हो जाता है।
* जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना।
* परस्त्रीगमन करना, अप्राकृतिक रूप से संभोग करना।
* झूठी गवाही देना।
* निर्दोष लोगों को सताना, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना।
* चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना।
* ईश्वर के खिलाफ होना, धर्म का मजाक बनाना या उड़ाना, धर्म का अपमान करना।
* दांतों को गंदा रखना, नाखूनों में मेल रखना और आंखों को गंदा रखना।
* तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस या भैसों को मारना।
* सांप, कुत्ते और कौवों को सताना।
* अंधे, अपंग, विधवा और अबला स्त्री को सताना या उनको धोखा देना।
 
अशुभ शनि की निशानी :-

* शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है या मकान बिक जाता है।
* घर में लड़ाई-झगड़े के कारण परिवार में फूट पड़ जाती है।
* अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं।
* घर में अचानक आग लग सकती है।
* धन-संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है।
* समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी।
* दिमाग में द्वंद्व रहता है।
* व्यक्ति अति चालाक हो जाता है।

शनि की बीमारी :-

* शनि का संबंध मुख्‍य रूप से दृष्टि, बाल, भवें और कनपटी से होता है।
* समय पूर्व आंखें कमजोर होने लगती हैं और भवों के बाल झड़ जाते हैं।
* कनपटी की नसों में दर्द बना रहता है।
* समय पूर्व ही सिर के बाल झड़ जाते हैं।
* फेफड़े सिकुड़ने लगते हैं और तब सांस लेने में तकलीफ होती है।
* हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, तब जोड़ों का दर्द भी पैदा हो जाता है।
* रक्त की कमी और रक्त में बदबू बढ़ जाती है।
* पेट संबंधी रोग या पेट का फूलना।
* सिर की नसों में तनाव।
* अनावश्यक चिंता और घबराहट बढ़ जाती है।

 शनि को अच्छा बनाने के तरीके :-

* घर का वायव्य कोण का सुधार करें।
* सर्वप्रथम भगवान भैरव की उपासना करें।
* शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
* तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ और जूता दान देना चाहिए।
* कुत्ते और कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं।
* चींटियों को प्रतिदिन खाना खिलाएं।
* छायादान करें अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं।
* दांत और आंत सदा साफ रखें।
* अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें। उनकी सहायता करते रहें।
* धर्म, साधु-संत और मंदिर की दान-सेवा करें।
* शनि के मंदे कार्य न करें।
* प्रत्येक शनिवार के दिन जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करके 3 परिक्रमा करने से शनि प्रसन्न होते हैं।
* शनिवार के दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से भी शनि दोष के कारण प्राप्त होने वाले कष्ट में कमी आती है।
* मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में तिल का दीया जलाने से भी शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

 शुभ शनि की निशानी :-

शनि की स्थिति यदि शुभ है तो व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रगति और उन्नति करता रहता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता। बाल और नाखून मजबूत होते हैं।

ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में उसका मान-सम्मान खूब रहता हैं। धन की किसी भी प्रकार से कभी नहीं रहती और व्यक्ति हर तरह की घटना-दुर्घटना से बचा रहता है।

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