मकर संक्रांति 2021
सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने पर मकर संक्रांति का पर्व देशभर में अलग-अलग रूप में, अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह पर्व बेहद खास माना जाता है। मकर संक्रांति में सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में आते हैं। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान, दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से जातकों को दोगुना फल प्राप्त होता है।
माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी भूलाकर उनके घर गए थे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है।
इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है।
इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है।
मकर संक्रांति 2021 तिथि, शुभ मुहूर्त – Makar Sankranti 2021 Date, Time (Muhurat)
मकर संक्रांति 2021 तिथि
14 जनवरी, 2021 (गुरुवार)
पुण्य काल मुहूर्त: 08:03:07 से 12:30:00 तक
अवधि: 4 घंटे 26 मिनट
महापुण्य काल मुहूर्त: 08:03:07 से 08:27:07 तक
अवधि: 0 घंटे 24 मिनट
संक्रांति पल: 08:03:07
मकर संक्रांति पूजाविधि
मकर संक्रांति के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए। यदि आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो आपको घर ही पानी में तिल और गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। उसके बाद एक साफ चौकी लेकर उसपर गंगाजल छिड़कें और लाल वस्त्र बिछाएं। उसके बाद उस चौकी पर लाल चंदन से अष्टदल कमल बनाएं। इसके बाद सूर्यदेव का चित्र या तस्वीर चौकी पर स्थापित करें और एक तांबे के लोटे में जल लेकर चौकी पर रखें। और हाथ में अक्षत लेकर सूर्यदेव का आह्वान करें और सूर्यदेव को लाल चंदन का तिलक करें। इसके बाद उन्हें लाल पुष्पों की माला पहनाएं और लाल पुष्प अर्पित करें। इसके साथ ही नेवैद्य और लाल फल आदि सूर्यदेव को अर्पित करें। और फिर सूर्यदेव के मंत्रों का जप करें। तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ भी करें। इसके बाद उनका विधिवत पूजन करें। धूप और दीप अर्पित करें। और सूर्यदेव की आरती करें। इसके बाद उन्हें तिल और गुड़ से बने हुए लड्डुओं का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद तांबे के लोटे का जल सूर्यदेव को अर्पित करें। और सूर्य मंत्र का जप करें।
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