Jagannath Puri Rath Yatra 2021: महाप्रभु की स्नान यात्रा की तैयारी अंतिम चरण में, दइतापति का मंदिर में प्रवेश

 


देव स्नान पूर्णिमा को महज चंद घंटे ही बचे हैं। ऐसे में श्री विग्रहों के स्नानयात्रा के लिए तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। महाप्रभु के श्री अंगरक्षक दइतापति सेवकों का मंदिर में प्रवेश हो गया है। स्नान यात्रा, अणवसर, रथयात्रा से लेकर नीलाद्री बजे तक यह दइतापति सेवक महाप्रभु की सेवा करेंगे। वहीं प्रभु की रथयात्रा के लिए तीनों रथों का निर्माण कार्य विश्वकर्मा एवं भोई सेवक युद्ध स्तर पर कर रहे हैं।


बिन भक्तों के संपन्न होगी महाप्रभु की देव स्नान पूर्णिमा नीति

जानकारी के मुताबिक गुरुवार को देव स्नान पूर्णिमा के दिन बिना भक्तों के महाप्रभु की देव स्नान पूर्णिमा नीति संपन्न की जाएगी। ऐसे में महाप्रभु की स्नान यात्रा के लिए जगन्नाथ मंदिर में तैयारी लगभग पूरी हो गई है। स्नान यात्रा से रथयात्रा एवं नीलाद्री विजे तक श्री विग्रहों की सेवा दइतापति सेवक करते हैं। ऐसे में महाप्रभु की सेवा के लिए दइतापति सेवक जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश किए हैं। 


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स्नान यात्रा नीति की तैयारी पूरी

पिछले साल की तरह इस साल भी बिना भक्तों के स्नान यात्रा नीति संपन्न कराने के लिए प्रशासन की तरफ से भी सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ली गई है। स्नान यात्रा पहंडी के लिए कोठ सुआंसिआ सेवक रत्न सिंहासन पर चारमाल बांधेंगे। वहीं महाप्रभु के श्रीअंग सुरक्षा के लिए दइतापति सेवक महाप्रभु की सेनापटी लागी करेंगे।



रथ निर्माण कार्य जारी

इससे पहले चंपक द्वादशी के अवसर पर महाप्रभु की गुवाली नीति संपन्न हुई है। एक तरफ तीनों रथों का निर्माण कार्य जोरदार ढंग से चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्नान यात्रा की प्रस्तुति भी अंतिम चरण में है। बारिश के बावजूद महाराणा एवं भोई सेवक रथ निर्माण कार्य जारी रखे हैं। महाप्रभु के गजानन वेश के लिए राघवदास मठ एवं गोपाल तीर्थ मठ में वेश की तैयारी चल रही है।

गौरतलब है कि महाप्रभु की स्नान यात्रा के लिए बुधवार रात 10 से 25 जून भोर 2 बजे तक शहर के विभिन्न जगहों एवं जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ धारा 144 जारी की गई है। जगन्नाथ मंदिर के आस-पास भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।

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