रुक्मिणी अष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि

रुक्मिणी अष्टमी: महत्व, कथा और पूजा विधि

रुक्मिणी अष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण की परमप्रिया देवी रुक्मिणी को समर्पित है। इसे हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। देवी रुक्मिणी भगवान विष्णु की अवतार मानी जाती हैं और वे आदर्श पत्नी, प्रेम, और भक्ति का प्रतीक हैं।


रुक्मिणी अष्टमी का महत्व

रुक्मिणी अष्टमी का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी के मिलन का उत्सव माना जाता है। यह दिन वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। माना जाता है कि जो महिलाएं इस दिन देवी रुक्मिणी की पूजा करती हैं, उन्हें भगवान श्रीकृष्ण जैसे पति की प्राप्ति होती है और उनके जीवन में प्रेम और सुख-शांति बनी रहती है।


रुक्मिणी अष्टमी व्रत कथा

देवी रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थीं। उनका भाई रुक्मी, जो भगवान श्रीकृष्ण का विरोधी था, उनकी शादी शिशुपाल से करवाना चाहता था। लेकिन देवी रुक्मिणी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपने मन से पति के रूप में स्वीकार कर लिया था।

रुक्मिणी ने भगवान श्रीकृष्ण को एक पत्र के माध्यम से अपने प्रेम और व्यथा को व्यक्त किया और उन्हें विदर्भ आकर अपने साथ ले जाने की प्रार्थना की। भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनसे विवाह किया। यह विवाह भक्ति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।


पूजा विधि

1. स्नान और संकल्प:

प्रातःकाल स्नान करके व्रत और पूजा का संकल्प लें।

2. मूर्ति स्थापना:

भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

3. पूजा सामग्री:

  • तुलसी के पत्ते
  • धूप और दीप
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल)
  • फल, मिठाई, और नारियल
  • सुहाग सामग्री (चूड़ी, बिंदी, सिंदूर)

4. आरती और भजन:

पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी के मंत्रों और भजनों का उच्चारण करें।

5. व्रत और दान:

इस दिन उपवास रखें और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।


मंत्र और स्तुति

रुक्मिणी स्तुति मंत्र

ॐ रुक्मिणी कृष्णाय नमः।

इस मंत्र का जप 108 बार करें।


रुक्मिणी अष्टमी का फल

  • वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और प्रेम बढ़ता है।
  • भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • जीवन में भक्ति, सौंदर्य, और समृद्धि आती है।

निष्कर्ष:

रुक्मिणी अष्टमी का पर्व देवी रुक्मिणी के प्रति आस्था और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन पूजा और व्रत करने से जीवन में सुख-शांति, प्रेम, और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Comments

Subscribe to Our Channel!

Get the latest Vastu tips and updates.

Popular Posts